नजर मे कुछ आता नहीं इसलिए नजरिया पेश करते है ।
हमने बचपन से सुना आवश्यक है जवाब ढूंढना सवाल पूछना और मौन रहना आरोही क्रम में । हमारे बोध से बाहर ही रही जरूरत, कब और कितनी सही ध्वनि और निःशब्दता की ।
हमने बचपन से सुना
आवश्यक है
जवाब ढूंढना
सवाल पूछना
और मौन रहना
आरोही क्रम में ।
हमारे बोध से बाहर ही रही
जरूरत, कब और कितनी सही
ध्वनि और निःशब्दता की ।
चाहत